आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल बुधवार (29-07-2020) को "कोरोना वार्तालाप" (चर्चा अंक-3777) पर भी होगी। -- हार्दिक शुभकामनाओं के साथ। सादर...! डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' --
रसना को रस मिले, कौन अब घर जायेगा; क्या बात है दीदी ? रसना को चुनावी रस मिले तो मैं भी घर ना जाऊं | बतरसिया लोगों के लिए चुनाव त्यौहार जैसा है | साथ में जहाँ देखि तवा प्रात , वहीँ गुजारी सारी रात ! यही सालों , दशकों की कहानी है जो आगे भी जारी रहेगी | सार्थ कुंडली |
बहुत सुंदर।
जवाब देंहटाएंआभार आपका
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल बुधवार (29-07-2020) को "कोरोना वार्तालाप" (चर्चा अंक-3777) पर भी होगी।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
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वाह
जवाब देंहटाएंसुंदर कुण्डली....
जवाब देंहटाएंरसना को रस मिले, कौन अब घर जायेगा; क्या बात है दीदी ? रसना को चुनावी रस मिले तो मैं भी घर ना जाऊं | बतरसिया लोगों के लिए चुनाव त्यौहार जैसा है | साथ में जहाँ देखि तवा प्रात , वहीँ गुजारी सारी रात ! यही सालों , दशकों की कहानी है जो आगे भी जारी रहेगी | सार्थ कुंडली |
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