पूरक बन पैदा हुए, दुनियावीं व्यवहार ;
दुनियावीं व्यवहार, कर्म दोनों का न्यारा;
कर्म किए बिना नहीं यहां चल सकता चारा;
कर दहिया में वास, नहीं रह पाये अबला;
मिले पति का प्यार जिसे, वह खुद ही सबला ।
मातृशक्ति सशक्त हो, बात चली यह खूब;
हर नुक्कड़ हर चौंक पर, मची हुई है धूम;
मची हुई है धूम, नहीं अबला रह पाये;
सम्भवतः यह शब्द कोष से ही मिट जाये;
कर दहिया में वास, फिरेगी नर की दृष्टि;
बस तब सबला बन पायेगी मातृशक्ति ।
मिले पति का प्यार जिसे, वह खुद ही सबला ।
जवाब देंहटाएंक्या बात कही आपने आदरणीय दीदी |