समाज की विसंगतियों और संवेदनाओं से सरोकार भरा लेखन | मेरा नारा - नवभारत निर्माण करें हम
शिल्प और प्रभावशाली शब्दों से रचित सुन्दर कुण्डलिया।
बहुत खूब आदरणीय दीदी | असंतुलित व्यवस्था पर प्रहार -- वो भी बहुत बड़ा | सादर
yes
खेतिहर ने रच दिया, एक नया इतिहास, एक एकता बन चुकी, मिलकर करें विकास; मिलकर करें विकास, नहीं मजदूर बनेंगे, अपनी भूमि पर, इच्छा से काश्त करेंग...
शिल्प और प्रभावशाली शब्दों से रचित सुन्दर कुण्डलिया।
जवाब देंहटाएंबहुत खूब आदरणीय दीदी | असंतुलित व्यवस्था पर प्रहार -- वो भी बहुत बड़ा | सादर
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