अंधकार प्रतीक बिन तुकबंदी का ज्ञान;
तुकबंदी का ज्ञान पटक कर हाथ सुनाते,
मिल जाता है मंच, कवि जी खूब कहलाते;
वाहवाही मिलती वहां, रहता नहीं अभाव,
घिसे पिटे से चुटकुले, देते अच्छा भाव ।
खेतिहर ने रच दिया, एक नया इतिहास, एक एकता बन चुकी, मिलकर करें विकास; मिलकर करें विकास, नहीं मजदूर बनेंगे, अपनी भूमि पर, इच्छा से काश्त करेंग...